Friday, July 4, 2008

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है.आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है.मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती...............

3 comments:

vidhya said...

आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

Unknown said...

बहुत अच्छी रचना |

मेरी नई रचना जरुर देखें |अच्छा लगे तो ब्लॉग को फोलो भी कर लें |

मेरी कविता: उम्मीद
हो सके तो कोममेंट में वर्ड भेरिफिकेसन हटा दें |

Anonymous said...

shukriya share ki ye poem logo se


http://teri-galatfahmi.blogspot.com/