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मै और मेरी तन्हाई !
Saturday, March 26, 2011
उनका आशियाना दिल में बसा रखा है
उनका आशियाना दिल में बसा रखा है
यादों को सीने से लगा रखा है ..
याद आते है वही क्यों दोस्त
हमने औरों को भी बना रखा है ....
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Tompeshwar Sahu
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उनका आशियाना दिल में बसा रखा है
रात चुप है चाँद खामोश नही
मुश्किल मैं है मेल प्रिये प्यार नही है खेल प्रिये....
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लोकप्रिय डाक
एक दोस्त की तलाश है मुझे
ऐसा दोस्त चाहिए
उनका आशियाना दिल में बसा रखा है
खुशी भी दोस्तो से है,
हर चहरे मे कुछ तोह एह्साह है,
चलते रहना है हमको,
एक चादर में लिपटे दो बदन *
गब्बर सिंह का चरित्र चित्रण
रात चुप है चाँद खामोश नही
मुस्कुराना चाह्ता हूं, मैं..
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