Saturday, March 26, 2011

रात चुप है चाँद खामोश नही

रात  चुप  है  चाँद  खामोश   नही
कैसे  कहूँ  आज  फिर  होश  नही . 
यूँ  डूबा  तेरी  आखों  में , 
हाथ  में  जाम  है पीने  का  होश  नही...


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