Saturday, March 26, 2011

उनका आशियाना दिल में बसा रखा है

 उनका  आशियाना  दिल  में  बसा  रखा  है 
 यादों  को  सीने  से  लगा  रखा  है ..
 याद  आते  है  वही  क्यों  दोस्त  
 हमने  औरों  को  भी  बना  रखा  है ....





रात चुप है चाँद खामोश नही

रात  चुप  है  चाँद  खामोश   नही
कैसे  कहूँ  आज  फिर  होश  नही . 
यूँ  डूबा  तेरी  आखों  में , 
हाथ  में  जाम  है पीने  का  होश  नही...


मुश्किल मैं है मेल प्रिये प्यार नही है खेल प्रिये.......

तुम नई विदेसी मिक्सी हो ओर मैं एक पत्थर का सिलबट्टा हु 
तुम ए के   ४७ जैसी और मैं एक देसी कट्टा हु
तुम मुक्त शेरनी जंगल की और मैं चिड़ियाघर का भालू हु
तुम व्यस्त सोनिया गाधी और मैं लालू सा खाली हु
कल अगर मुझे जेल हो जाये तुम करवाना बेल प्रिये
मुश्किल मैं है मेल प्रिये प्यार नही है खेल प्रिये ||||


मैं ढाबे का ढाचे जैसा तुम पांच सितारे होटल हो
मैं महुआ की देसी ठररी और  तुम अर्न्ग्रेजी बोतल की दारू हो
तुम सोनी मोबाइल और मैं टेलीफोन का चोंगा हो
तुम मछली मानसरोवर की और मैं सागर का घोंघा हु
पांच मंजिल ईमारत से गिर जाऊंगा मत आगे धकेल प्रिये
मुश्किल मैं है मेल प्रिये प्यार नही है खेल प्रिये ||||