Tuesday, February 9, 2010

वो ना आए उनकी याद आकर वफ़ा कर गयी

वो ना आए उनकी याद आकर वफ़ा कर गयी ,उनसे मिलने की तम्मना सुकून तबाह कर गयी .
आहट हुई तो सोचा असर दुआ कर गयी ,दरवाज़ा खोला तो मज़ाक हम से हवा कर गयी .
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दिल के पास आकर जब वो दूर हो गए ,सारी हँसी ख्वाब मे चूर हो गए .
हमने वफ़ा निभाई तो बदनामीया मिली ,जो बेफ़वा थे वो मशहूर हो गए .
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ए खुदा आज ये फ़ैसला कर दे ,उसे मेरा या मुझे उसका कर दे .
बहुत दुख सहे है मेने ,कोई ख़ुशी अब तो मुक़र्रर कर दे .
बहुत मुश्किल लगता है उससे दूर रहना ,जुदाई का सफ़र कुछ तो कम कर दे .
जितना दूर चले गए है वो मुझसे ,उसे उतना क़रीब कर दे .
नही लिखा अगर नसीब मे उसका नाम ,तो ख़त्म कर दे ये ज़िंदगी और मुझे फ़न्ना कर दे

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