Thursday, March 5, 2009

सदा मुस्कुराते रहो...

दर्द कैसा भी हो आंख नम न करोरात काली सही कोई गम न करोएक सितारा बनो जगमगाते रहोज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहोबांटनी है अगर बाँट लो हर ख़ुशीगम न ज़ाहिर करो तुम किसी पर कभीदिल कि गहराई में गम छुपाते रहोज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहोअश्क अनमोल है खो न देना कहींइनकी हर बूँद है मोतियों से हसींइनको हर आंख से तुम चुराते रहोज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहोफासले कम करो दिल मिलाते रहोज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो...